प्रज्वल रेवन्ना सेक्स स्कैंडल केस में 701 औरतों ने चिट्ठी में क्या लिख डाला, बीजेपी को क्यों घसीटा ?

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को उस समय तगड़ा झटका लगा जब दिग्गज नेता अरविंदर सिंह लवली ने पार्टी छोड़ दी। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हाल ही में इस्तीफा देने वाले अरविंदर सिंह लवली पार्टी नेतृत्व से खफा थे। उन्होंने स्पष्ट तौर पर

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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को उस समय तगड़ा झटका लगा जब दिग्गज नेता अरविंदर सिंह लवली ने पार्टी छोड़ दी। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हाल ही में इस्तीफा देने वाले अरविंदर सिंह लवली पार्टी नेतृत्व से खफा थे। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि ऐसा माहौल बनाया जा रहा कि मैं पार्टी छोड़ दूं। आखिरकार शनिवार को लवली बीजेपी में शामिल हो गए। उनके साथ ही दिल्ली कांग्रेस के चार और नेता राजकुमार चौहान, नीरज बसोया, नसीब सिंह और अमित मलिक ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। बताया जा रहा कि अरविंदर सिंह लवली नहीं चाहते थे कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ कोई गठबंधन करे। वहीं उत्तर-पूर्वी दिल्ली से कन्हैया कुमार और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से उदित राज को पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा इससे भी लवली नाराज थे। इन्हीं वजहों से उन्होंने पहले दिल्ली अध्यक्ष का पद छोड़ा और फिर शनिवार को कांग्रेस छोड़ बीजेपी में चले गए। अरविंद सिंह लवली के सियासी सफर पर एक नजर।

चार बार विधायक, शीला सरकार में मंत्री लवली अब बीजेपी में शामिल

चार बार विधायक, शीला सरकार में मंत्री लवली अब बीजेपी में शामिल

अरविंदर सिंह लवली चार बार विधायक रह चुके हैं। वो दो बार दिल्ली की कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे थे। 1998 में लवली पहली बार गांधीनगर सीट से दिल्ली विधानसभा पहुंचे थे। उस समय वो सबसे कम उम्र के विधायक थे। 2013 तक वो इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे। इस दौरान दिल्ली में जब शीला दीक्षित की सरकार थी तो अरविंदर सिंह लवली को कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभालने का मौका मिला था। उस समय उन्होंने शहरी विकास, शिक्षा, परिवहन और राजस्व मंत्रालय जैसे विभागों का जिम्मा संभाला था।

अरविंदर सिंह लवली ने दूसरी बार ज्वाइन की बीजेपी

अरविंदर सिंह लवली ने दूसरी बार ज्वाइन की बीजेपी

अरविंदर सिंह लवली करीब 30 साल कांग्रेस से जुड़े रहे। अब उन्होंने शनिवार को पाला बदलते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया है। हालांकि ये कोई पहली बार नहीं है जब लवली बीजेपी में शामिल हुए हैं। साल 2017 में भी उन्होंने कांग्रेस से नाराजगी के बाद बीजेपी का दामन थामा था। हालांकि, कुछ ही महीनों बाद वे फिर कांग्रेस में लौट आए थे। अब देखना होगा कि इस बार लवली की बीजेपी में पारी कैसी रहने वाली है।

लवली ने दिल्ली से की पढ़ाई, कॉलेज से ही छात्र राजनीति में एंट्री

लवली ने दिल्ली से की पढ़ाई, कॉलेज से ही छात्र राजनीति में एंट्री

अरविंदर सिंह लवली का जन्म दिल्ली में हुआ। वो यहीं पर रहकर पले-बढ़े। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के एसजीटीबी खालसा कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया। बताया जाता है कि लवली कॉलेज टाइम से ही छात्र राजनीति में काफी एक्टिव थे। 1990 में उन्हें दिल्ली युवा कांग्रेस के महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई। 1992 से 1996 तक उन्होंने नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के महासचिव के तौर पर काम किया।

1998 से लगातार 4 बार दिल्ली की गांधीनगर सीट पर रहे विधायक

1998 से लगातार 4 बार दिल्ली की गांधीनगर सीट पर रहे विधायक

लवली पहली बार 1998 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतरे, कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने दिल्ली की गांधीनगर सीट से जीत दर्ज की। ये वक्त था जब लवली दिल्ली विधानसभा के सबसे युवा विधायक थे। इसके बाद लवली का राजनीतिक कद तेजी से बढ़ने लगा। उन्हें दिल्ली शीला दीक्षित सरकार में जगह मिली। वो गांधीनगर सीट से 2003 और 2008 में भी चुनाव लड़े और बड़े अंतर से जीत भी हासिल की। 2013 में भी वो इसी सीट से चुनाव मैदान में उतरे लेकिन आम आदमी पार्टी के प्रकाश जरवाल ने उन्हें हरा दिया।

बीजेपी में लवली को मिलेगी कौन सी जिम्मेदारी?

बीजेपी में लवली को मिलेगी कौन सी जिम्मेदारी?

2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अरविंद सिंह लवली को पूर्वी दिल्ली सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में उनका सीधा मुकाबल क्रिकेटर से राजनेता बने बीजेपी उम्मीदवार गौतम गंभीर और आप कैंडिडेट आतिशी से था। हालांकि, वह बीजेपी उम्मीदवार गौतम गंभीर से 3,92,000 वोटों से हार गए थे। 2019 लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद लवली दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 में फिर गांधीनगर सीट से मैदान में उतरे। हालांकि इस सीट पर बीजेपी के अनिल कुमार वाजपेयी जीते और लवली तीसरे नंबर पर रहे थे। अब लवली ने कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है। देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी में उन्हें क्या जिम्मेदारी मिलती है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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